अवैध रिफिलिंग पर पूर्ति विभाग लगातार कार्रवाई के दावे तो करता है, लेकिन हकीकत कुछ और है। विभाग के आंकड़े ही दावों की पोल खोल रहे हैं। अवैध रिफिलिंग के लगातार मामले पकड़े जाते हैं लेकिन जब मुकदमा दर्ज करने की बारी आती है तो विभाग नरम रुख अपना लेता है। यही कारण है कि अवैध रिफिलिंग करने वालों पर वर्ष 2020 से अब तक सिर्फ आठ मुकदमे दर्ज किए हैं। इसमें भी वर्ष 2021-2023 के बीच सिर्फ मुकदमा दर्ज हुआ। पिछले वर्ष भी सिर्फ एक मामला दर्ज किया गया, वह भी न्यायालय में विचाराधीन है। विभाग तभी जागता है जब अवैध रिफिलिंग के कारण हादसे होते हैं। सामान्य दिनों में चेकिंग या अभियान चलाने की जरूरत नहीं समझी जाती। यही कारण है कि अवैध रिफिलिंग करने वालों के हौसले बुलंद