पुष्कर मंत्रिमंडल की बैठक में नई शराब नीति (2025-26) में 5060 Cr मदिरा से उगाहने का Target रखने के साथ ही ये भी तय किया कि धर्मस्थलों के करीब के Wine Shop बंद किए जाएंगे। Over Rating की शिकायत सही पाई जाने पर संबन्धित दुकान का लाइसेन्स रद्द कर दिया जाएगा। लॉटरी-नवीनीकरण-अधिकतम पेशकश के आधार पर Wine Shop के आवंटन के प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई।
एक तरफ शराब से कमाई का लक्ष्य बढ़ाया गया है तो CM पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई वाले मंत्रिमंडल ने ये भी फैसला किया कि लोगों की भावनाओं को सम्मान देते हुए शराब की बिक्री पर नियंत्रण बढ़ाया जाएगा। उप-दुकानों और मेट्रो मदिरा बिक्री व्यवस्था भी खत्म कर दी गई। ये भी तय किया गया कि MRP से अधिक कीमत वसूलने का आरोप सही पाए जाने पर Wine Shop का लाइसेन्स निरस्त किया जाएगा।
Departmental Stores पर MRP नियम लागू होगा। आबकारी नीति में राजस्व का नया लक्ष्य इसलिए अहम है कि इतना बड़ा लक्ष्य सरकार कैसी हासिल करती है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 4000 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 4038.69 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया था। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 4439 करोड़ रुपये का लक्ष्य था। अब तक लगभग 4000 करोड़ रुपये अर्जित हो चुके हैं।
ये भी नीति में तय किया गया कि पहाड़ी इलाकों में वाइनरी Unit स्थापित करने पर अगले 15 वर्षों तक आबकारी शुल्क में छूट दी जाएगी। Local लोगों को प्राथमिकता के आधार पर रोजगार में इन Units में रखा जाएगा। थोक मदिरा अनुज्ञापन केवल उत्तराखंड निवासियों को जारी किए जाएंगे।
पर्वतीय क्षेत्रों में वाइनरी को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य में उत्पादित फलों से वाइनरी इकाइयों को अगले 15 वर्षों तक आबकारी शुल्क में छूट दी जाएगी। इससे कृषकों और बागवानी क्षेत्र में कार्य करने वालों को आर्थिक लाभ मिलेगा। मदिरा उद्योग में निवेश को प्रोत्साहित करने के निर्यात शुल्क में कटौती का फैसला भी किया गया।
माल्ट एवं स्प्रिट उद्योगों को पर्वतीय क्षेत्रों में विशेष सुविधाएँ प्रदान की जाएंगी। स्थानीय कृषि उत्पादों को इस्तेमाल में बढ़ावा देने के लिए डिस्टिलरी को प्रोत्साहित किया जाएगा। आबकारी नीति में प्रावधान किया गया कि दुकानों का आवंटन नवीनीकरण, लॉटरी और अधिकतम Offer के जरिये किए जाएगा। सरकार ने आवंटन प्रक्रिया को पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने की कोशिश की है।
बिक्री बढ़ाने की कोशिश के साथ ही लोगों को मदिरा के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक बनाने के विशेष अभियान चलाने का प्राविधान किया गया है। नई आबकारी नीति प्रदेश में आर्थिक सुदृढ़ीकरण, पारदर्शिता और सामाजिक जिम्मेदारी को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है। Over rating पर Cabinet फैसले के बाद ये भी साफ हुआ कि देहरादून में Over Rating के मामले में रंगे हाथों खुद पकड़ने के बाद दुकान को बंद करने का DM सविन बंसल का फैसला 16 आने सही था। दुकानों को खोलने के समर्थन में सुनवाई पर दिए गए Commissioner (Excise) हरिचन्द सेंवाल के फैसले गलत थे।
