Nagaur News: राजस्थान के इस जिले में हर दूसरे दिन नाबालिग छोड़ रही है घर, सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

Nagaur News: यह भी सामने आया कि घर छोड़ने वाली नाबालिग के साथ आरोपी, इधर-उधर अपने ही जानकारों के शरण लेते हैं। बावजूद इसके उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती।

Nagaur News: बदली आबोहवा का ही हाल है कि करीब साढ़े चार साल में नागौर (डीडवाना-कुचामन) जिले में 737 नाबालिग ने अपना घर छोड़ दिया। यानी हर दूसरे दिन एक नाबालिग अपने ही घर वालों के खिलाफ कदम उठाती हैं। प्रेम के झूठे झांसे में उन पर विश्वास किया, जिन्होंने बाद में धोखा दे दिया। दो दर्जन से अधिक बालिकाओं का तो अब तक सुराग तक नहीं लगा है। आधा दर्जन बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका जोधपुर हाईकोर्ट में लबित हैं। गुमशुदा/लापता बालक-बालिकाओं को तलाशने के मामले में पुलिस ही निशाने पर रही। सूत्रों के अनुसार लापता/गुमशुदा होने वाले नाबालिग में एक फीसदी ही बालक होते हैं, जबकि 99 फीसदी बालिकाएं। जनवरी 2020 से जून 2024 तक के आंकड़ों को खंगालने पर यह सच्चाई मिली है।

नागौर

Nagaur News: राजस्थान के इस जिले में हर दूसरे दिन नाबालिग छोड़ रही है घर, सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े

Nagaur News: यह भी सामने आया कि घर छोड़ने वाली नाबालिग के साथ आरोपी, इधर-उधर अपने ही जानकारों के शरण लेते हैं। बावजूद इसके उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती।

नागौर•Jul 19, 2024 / 04:24 pm•

Rakesh Mishra

Nagaur News: बदली आबोहवा का ही हाल है कि करीब साढ़े चार साल में नागौर (डीडवाना-कुचामन) जिले में 737 नाबालिग ने अपना घर छोड़ दिया। यानी हर दूसरे दिन एक नाबालिग अपने ही घर वालों के खिलाफ कदम उठाती हैं। प्रेम के झूठे झांसे में उन पर विश्वास किया, जिन्होंने बाद में धोखा दे दिया। दो दर्जन से अधिक बालिकाओं का तो अब तक सुराग तक नहीं लगा है। आधा दर्जन बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका जोधपुर हाईकोर्ट में लबित हैं। गुमशुदा/लापता बालक-बालिकाओं को तलाशने के मामले में पुलिस ही निशाने पर रही। सूत्रों के अनुसार लापता/गुमशुदा होने वाले नाबालिग में एक फीसदी ही बालक होते हैं, जबकि 99 फीसदी बालिकाएं। जनवरी 2020 से जून 2024 तक के आंकड़ों को खंगालने पर यह सच्चाई मिली है।

Loaded: 26.44%

Remaining Time 8:37

संबंधित खबरें

Bhil Pradesh : मानगढ़ महारैली में आज आदिवासी मांगेंगे नया प्रदेश, भील प्रदेश में
होंगे 4 राज्यों के 49 जिले शामिल, जानें पूरा माजरा - image

Bhil Pradesh : मानगढ़ महारैली में आज आदिवासी मांगेंगे नया प्रदेश, भील प्रदेश में होंगे 4 राज्यों के 49 जिले शामिल, जानें पूरा माजरा

Rajasthan Samachar : अंधेरे में डूबेगा राजस्थान का यह जिला, सामने आई यह हैरान
करने वाली वजह - image

Rajasthan Samachar : अंधेरे में डूबेगा राजस्थान का यह जिला, सामने आई यह हैरान करने वाली वजह

Rajasthan Weather Update: फिर सक्रिय हुआ मानसून, इन जिलों में भारी बारिश का
अलर्ट - image

Rajasthan Weather Update: फिर सक्रिय हुआ मानसून, इन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

Rajasthan By Election : राजस्थान भाजपा में हो सकता है उपचुनाव से पूर्व बड़ा
बदलाव! - image

Rajasthan By Election : राजस्थान भाजपा में हो सकता है उपचुनाव से पूर्व बड़ा बदलाव!

राजस्थान सरकार का बड़ा कदम, भर्ती में फर्जीवाड़े के आरोपी ग्राम सेवक व 7 शिक्षक
राजकीय सेवा से बर्खास्त - image

राजस्थान सरकार का बड़ा कदम, भर्ती में फर्जीवाड़े के आरोपी ग्राम सेवक व 7 शिक्षक राजकीय सेवा से बर्खास्त

दस्तयाब हुई 56 बालिकाओं ने घर जाने से साफ इनकार कर दिया और बालिका गृह में रहना मंजूर किया। करीब ढाई दर्जन तब तक बाहर रहीं, जब तक कि वे बालिग नहीं हो पाईं। बालिग होते ही जिनके साथ भागी उससे प्रेम विवाह कर लिया। दस्तयाब हुई ढाई सौ बालिकाओं ने मेडिकल कराने से इनकार किया तो भगवैया के खिलाफ किसी तरह का बयान अथवा मामला दर्ज कराने के घर वालों के दबाव को भी अस्वीकार कर दिया। सुरपालिया थाना इलाके से करीब चार माह पूर्व गायब हुई बालिका का अब तक सुराग नहीं लगा। हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की गई। पुलिस पर प्रेमी व उसके परिजनों को बचाने के आरोप लगे। अभी तक ना बालिका हाथ आई ना ही उसे अपह्रत करने वाला। मेड़ता सिटी से एक नाबालिग घर से निकली। दूर के किसी रिश्तेदार युवक के साथ लिव इन में रहने के झांसे में चली गई। बाद में आरोपी युवक उस नाबालिग को छोड़ भागा। झूठे झांसे का शिकार हुई नाबालिग ने फिर भी आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट देने से मना कर दिया । परिजनों के दबाव के आगे भी नहीं झुकी।

नहीं आते शरण देने वाले पकड़ में

यह भी सामने आया कि घर छोड़ने वाली नाबालिग के साथ आरोपी, इधर-उधर अपने ही जानकारों के शरण लेते हैं। बावजूद इसके उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती। नियम तो यह है कि होटल/धर्मशाला में ऐसे किसी संदिग्ध जोड़े के बारे में पुलिस को सूचना दी जाए, इसके बाद भी कोई इसके लिए आगे नहीं आता। इनको प्रोत्साहित कर शरण देने वालों के खिलाफ कार्रवाई होने की मांग कई बार परिजन भी उठाते हैं।

ध्यान नहीं देती पुलिस

सूत्रों का कहना है कि गुमशुदगी दर्ज होने के बाद सभी थानों को सूचित करने का पुलिस बड़ा काम मानती है। कायदा तो यह है कि नाबालिग के परिजनों की सूचना पर पुलिस दबिश दे, गुमशुदा के पर्चे चस्पा करवाए, अपहरण की आशंका में नामजद आरोपियों से पूछताछ करे। असल में यह होता नहीं है। पुलिस पहले तो परिजनों को ही एक-दो दिन इंतजार करने की कह देती है, फिर अपने जानकार/रिश्तेदारों के यहां तलाशने की बात करती है। जहां किसी युवक/प्रेमी के साथ भागने का जिक्र आता है। वहीं लोकेशन ट्रेस करने सहित अन्य बहाने से इस पर ध्यान देना बंद कर देती है।

बारह फीसदी ने दर्ज कराया मामला

सिर्फ 63 मामले यानी करीब बारह फीसदी बालिकाओं ने आरोपी युवक पर अपहरण और बलात्कार का मामला दर्ज कराया। वर्ष 2020 से जून 2024 तक के आंकड़े देखें तो युवती ही नहीं घर छोड़ने वाली विवाहिताओं की भी संख्या अच्छी खासी है। ये बालिग दस्तयाबी के बाद प्रेमी के साथ रहने की इच्छा जताकर कानूनी पचड़ों से आजाद हो जाते हैं पर बालिकाओं के मामलों में ऐसा नहीं है। अनेक बालिकाएं दस्तयाबी के बाद भी प्रेमी के साथ रहने की इच्छा जताती हैं या फिर बालिका गृह को चुन रही हैं। नासमझी कहें या आजादी से जीने का जुनून, ये बालिकाएं अपने ही घर वालों का विरोध कर रही हैं। कुछ मामलों में तो बालिकाओं के घर से जेवरात के साथ नकदी लेकर भागने का मामला पुलिस थानों तक में दर्ज हुआ है।

चौदह-पंद्रह साल की लड़कियां भी शामिल

सूत्र बताते हैं कि घर से भागने वाली इन बालिकाओं में चौदह-पंद्रह साल तक की बालिकाएं भी शामिल हैं। आठवीं-नवीं में पढ़ने वाली इन छात्राओं में से अधिकांश प्रेमी के साथ घर बसाने का सपना संजोकर घर से निकली थीं। कम उम्र के बचकाने में कई ने सुसाइड भी किया तो कुछ ने मरते दम तक शादी ना करने का फैसला कर लिया। किसी ने दस्तयाबी के बाद घर नहीं लौटने की कसम खा ली तो किसी ने आरोपी पर किसी तरह का आरोप लगाने से मना कर दिया। इन बालिकाओं को बहलाने-फुसलाने वाले भी कई नाबालिग ही निकले।

इनका कहना

गुमशुदा नाबालिग को तलाशने पर पुलिस पूरे प्रयास करती है। इक्का-दुक्का मामलों को छोड़ दें तो अधिकांश को चंद दिनों में दस्तयाब कर लिया जाता है। अपहर्ता/आरोपी की सही जानकारी का अभाव कभी-कभी मुश्किल में डाल देता है फिर भी 99 फीसदी मामलों में पुलिस को सफलता मिलती है।

नारायण टोगस, एसपी नागौर

कम उम्र में परिपक्वता का अभाव रहता है। अच्छे-बुरे की समझ के साथ उसका विश्लेषण कर नहीं पाते। आकर्षण के साथ झांसेबाजी की गिरफ्त में आकर टीन एज लड़कियां इस तरह के कदम उठा लेती हैं। हालांकि बाद में अधिकांश मामलों में वे पछताती हैं।

डॉ .शंकरलाल, मनोचिकित्सक, नागौर

Soham Chauhaan
Author: Soham Chauhaan

Leave a Comment

और पढ़ें

Salary of pilot in india
22:09