देवभूमि के विश्व विख्यात ज्योतिर्लिंग धाम श्री केदारनाथ के प्रतीकात्मक निर्माण कार्य का दिल्ली के बुराड़ी में शिलान्यास की सूचना पर भड़के विवाद में देवभूमि का क्षेत्रीय संगठन भैरव सेना भी कूद पड़ा। गढ़वाल संभाग सचिव गणेश जोशी के नेतृत्व में दर्जनों भैरव सैनिकों ने विरोध स्वरूप जोरदार नारेबाजी के साथ मंदिर निर्माण करवाने वाले ट्रस्ट के ट्रस्टियों की संकेतात्मक अंत्येष्टि कार्यक्रम के पश्चात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन प्रेषित किया। जिसमें दोषी ट्रस्टियों के ट्रस्ट का पंजीकरण निरस्तता के साथ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के अंतर्गत सुसंगत धाराओं में कार्यवाही करने की मांग की ताकि निकट भविष्य में कोई भी इस तरह का दुस्साहस करने का साहस ना कर सके।

भैरव सेना के केंद्रीय अध्यक्ष संदीप खत्री ने आक्रोशित होकर की सुरेन्द्र रौंतेला नामक व्यक्ति द्वारा श्री केदारनाथ धाम का प्रतीकात्मक निर्माण दिल्ली जैसे क्षेत्र में करवाना केदारनाथ धाम का अपमान है। केदारघाटी में श्री केदारनाथ भगवान स्वयंभू शिवलिंग के रूप में पूजे जाते हैं, जिनके तीनों ओर उंचे-उंचे हिमालय पर्वत तथा चौथी ओर पांच नदियों के संगम से बनी मन्दाकिनी बहती है। पांडव पौत्र जन्मेजय द्वारा निर्मित मंदिर का जीर्णोद्धार कत्यूरी शैली में आदि गुरू शंकराचार्य जी ने करवाया था। तथा आदिगुरू शंकराचार्य के निर्देश पर ही दक्षिण भारतीय ब्राह्मणों द्वारा केदारनाथ धाम की पूजा का विधान बनाया। पौराणिक शास्त्रों के अनुसार इतनी सनातनी महतताओं के केदारनाथ मन्दिर का प्रतीक विश्व में अन्य कहीं नहीं बन सकता, और श्री केदारनाथ धाम में आस्था रखने वाले भक्त कहीं बनने भी नहीं देंगे चाहे इसके लिए कितने ही कठिन आन्दोलनों से गुजरना पड़े।
प्रदेश अध्यक्ष काजल चौहान ने कहा की ट्रस्ट के ट्रस्टी सुरेन्द्र रौंतेला तथा अन्य को कड़ी चेतावनी देते हैं कि बाबा केदारनाथ का अपमान हुआ तो हम किसी भी प्रकार के आन्दोलन से पीछे नहीं हटेंगे जिसके लिये शासन भी जिम्मेदार होगा। केन्द्रीय सचिव संजय पंवार ने कहा की लगातार उत्तराखंड के तीर्थ और धामों पर कुठाराघात हो रहा है और हमारे राज्य के धर्मस्व मंत्री गहरी नींद में सोये हुये हैं। ऐसे प्रकरण पर मौलिक रूप से धर्मस्व मंत्री को हस्तक्षेप कर दोषियों पर विभागीय कार्यवाही करनी चाहिए थी परन्तु मंत्री जी किस कारण मौन हैं यह सोचनीय विषय है। जिलाध्यक्ष अन्नू राजपूत ने कहा कि यदि श्री केदारनाथ धाम ट्रस्ट पर कार्यवाही के साथ मंदिर निर्माण पर रोक नहीं लगी तो संगठन प्रदेश व्यापी आन्दोलन के साथ दिल्ली कूच के लिए भी विचार करेगा। प्रदर्शन में उपरोक्त वक्ताओं सहित चतुरानंद मलेठा, आशीष राणा, प्रेम शंकर, राजकुमार, अभिषेक राजपूत, जितेंद्र सिंह नेगी, रीमा सिंह, सरस्वती देवी, अजीत बिष्ट, अमन राजपूत, सहित तीन दर्जन से भैरव सेना कार्यकर्ता उपस्थित रहे।